मन सतगुरु सतगुरु बोल तेरा नही लगेगा मोल,
दस बीस कोस मै चलना पग समझ समझ कर धरना,
मत कर मन मै मरोङ
मन मेरा एक घोङा घोङा संग पांच बछेरा,
पांचा की लगाम मरोङ,
मन सतगुरु सतगुरु बोल....
माया है माहा ठगणी इन कोई मत समझो अपनी,
माया से मुखङा मरोङ
मन सतगुरु सतगुरु बोल...
दास कबीर सा गावे’ भिन भिन्न कह समझावे,
गूरू चरणा चित खोल,
मन सतगुरु सतगुरु बोल....