चुनरी उढ़ाऊ तेरे मेहँदी लगाऊ, तेरा लाड लगाऊ माँ,
मैं वारी वारी जाओ माँ ,
आज मिला मौका माँ को खूब सजाऊगा,
अंसुवन की बुंदू से माँ तेरे चरण दुलाऊगा,
तुझे मनाऊ तुझे रिजाऊ तू ही मेरी प्यारी रानी माँ,
चुनरी उढ़ाऊ तेरे मेहँदी लगाऊ.....
तुमसे है मैया जन्मो जन्मो का नाता,
मैं तो बालक हु तेरा और तू है मेरी माता,
ज्ञानी ध्यानी तुझे मनाते,करती सबकी रखवाली माँ,
चुनरी उढ़ाऊ तेरे मेहँदी लगाऊ.......
तू जगदबमे माँ तू ही अष्ट भुजा वाली,
तेरे चलते ही मैया रोज मानते दिवाली,
शरण में तेरी श्याम भी आया करदे करदे मेहरबानी माँ,
चुनरी उढ़ाऊ तेरे मेहँदी लगाऊ......