मेहरा वालिए माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल

मेहरा वालिए माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल ।
ज्योता वालिये माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल ॥

झण्ड़ेया वालिए द्वार तेरे लाल ने झंडे झुलदे,
जो वी दर ते झुक जाए माँ उस दे नसीब खुल्दे ।
उस दे नसीब खुल्दे, वजदे खुशिया दे ढोल,
मेहरा वालिए माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल ॥

श्रद्धा ले के द्वार तेरे ते संगता भीड़ा पाईयां,
भूल चूक सब दी माफ़ करी माँ तेरी शरणी आईआं ।
तेरी शरणी आईआं, रख ले चरना दे कोल,
मेहरा वालिए माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल ॥

इक मुठ्ठी जे पादे सानु, की विगड़ेगा तेरा,
सब तेरी वडिआई, कोई नाम ना जाने मेरा ।
नाम ना जाने मेरा, सानु देवीं ना रोल,
मेहरा वालिए माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल ॥

दे मैनु वरदान मैं हर पल तेरीयाँ भेंटा गांवा,
तेरे नाम दी गंगा दे विच रज्ज रज्ज डुबिया लावां ।
रज्ज रज्ज डूबिआं लावा, मुखो जय माँ दी बोल,
मेहरा वालिए माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल ॥

देके अपने नाम दी मस्ती चंचल मस्त बना दे,
झण्ड़ेया वालिए सब दे झंडे अर्शां विच्च झूला दे ।
अर्शां विच्च झूला दे देके दर्शन अनमोल,
मेहरा वालिए माईए बूहे मन्दिराँ दे खोल ॥
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