अपने सीने से लगाले मुझपे थोड़ी दया तेरी हो माँ,
तेरे अंचल में मुझको छुपा ले माफ़ करदे अगर भूल हो माँ,
मेरे अपनों ने मुझको सताया इस ज़माने ने माता रुलाया,
मैं भटक ता रहा दर बदर माँ हार के द्वारे तेरे आया,
तेरे चरणों में मैया बिठा ले मुझपे थोड़ी दया तेरी हो माँ,
तेरे अंचल में मुझको छुपा ले........
दुःख की बदली ने डाला है डेरा मेरे चारो तरफ है अँधेरा,
ऐसी गम की चली आज आंधी टूट के रह गया माँ बसेरा,
देख तेरा दीवाना माँ रोये धीर थोड़ा सा मुझको भी दो माँ ,
तेरे अंचल में मुझको छुपा ले.........
आस के सारे दीपक भजे माँ एक मुझको भरोसा है तेरा,
पूत जैसा भी हो लेकिन माँ ही आंख का होता है तारा,
हर्ष भी तेरा बेटा है आंबे सिर पे मेरे तेरा हाथ हो माँ,
तेरे अंचल में मुझको छुपा ले..........