तेरे दर से माँ इतना मिला मेरा परिवार तूम से पला
अब रहा न माँ कोई गिला फूल मन का तुझी से खिला
मेरा कोई नही था सहारा मैंने दुखडो में जीवन गुजारा,
तेरी किरपा का जादू चला दाग किस्मत का मेरा धुला
अब रहा न माँ कोई गिला फूल मन का तुझी से खिला
हाल दिल का माँ जिसे सुनाया मुझे पल में उसी ने भुलाया
साथ जब से माँ तेरा मिला टल गई है मेरी हर बला
अब रहा न माँ कोई गिला फूल मन का तुझी से खिला
लोग रोके माँ सुनते कहानी और हस्ते उड़ाते भवानी
क्या बताऊ तुझे मैं भला जो मिला उस ने मुझको छला,
अब रहा न माँ कोई गिला फूल मन का तुझी से खिला
हर्ष तेरी शरण में जो आया जो न सोचा था वो तुम से पाया
मन का दीपक तुझी से जला दिया भगती का तुमने सिला
अब रहा न माँ कोई गिला फूल मन का तुझी से खिला