तेरे हाथ मे है डोर मेरी मैं जग की करती बात नहीं,
मैं तेरे इशारे नाचती इस दुनिया की औकात नहीं,
तेरी बनाई कटपुतली हु सांवरियां सरकार मेरे,
इस जग में न चन से अच्छा नाचू मैं दरबार तेरे,
तेरे प्यार से बढ़कर बाबा कोई भी सौगात नहीं,
मैं तेरे इशारे नाचती .......
जब भी फेहले हाथ मेरे ये श्याम धनि तेरे आगे,
मांगने में तुजसे बाबा शरम नहीं मुझको लागे,
तुझे छोड़ कर किसी के आगे कभी पसारा हाथ नहीं,
मैं तेरे इशारे नाचती ........
बनके राहु मैं तेरी दीवानी बस इतनी अरदास मेरी,
तू ही भरोसा हो कुंदन के और नैनो की प्यास मेरी,
तेरी चौकठ पे मर जाओ तो मिले तेरा साथ नहीं,
मैं तेरे इशारे नाचती