जो कुछ भी है आप री किरपा,
मेरी के औकात जी,
देवणीया थे लेवणिया मैं,
सिमरा दिन और रात जी,
दीनानाथ दयालु भगवन,
दीनानाथ दयालु भगवन,
आओ बैगा आओ जी,
जीमो जीमो सांवरिया थे,
आओ भोग लगाओ जी॥
‘लहरी’ भाव भरोसो पुरो,
राखो माथे हाथ जी,
बरसाओ सांवरिया अब तो,
अमृत की बरसात जी,
सेवा में कोई भूल चूक हो,
सेवा में कोई भूल चूक हो,
सांवरिया बिसराओ जी,
जीमो जीमो सांवरिया थे,
आओ भोग लगाओ जी ॥
जीमो जीमो साँवरिया थे,
आओ भोग लगाओ जी,
बाँसुरिया की तान सुनाता,
छम छम करता आओ जी,
जीमो जीमो साँवरिया थे,
आओ भोग लगाओ जी॥