रखोगे जिस हाल में, रह लेंगे सरकार,
चाहे सुख दुःख हो मेरे मालिक, सब हमको है स्वीकार
हम तो है नादान ना जाने ,किसमे हमारी भलाई है,
कष्ट जो आता बाबा हमको, आती बडी रुलाई है,
जैसे भी मिले ये हमको, वो सब तेरा उपहार,
रखोगे...........
मात पिता हो तुम ही हमारे, हम तो तुम्हारे लाल है
हर पल रहते साथ हमारे, रखते सदा खयाल है
तुम देते उतना हमको.हमको जितनी दरकार
रखोगे...........
तुझको दोष नहीं दुंगा मैं, तुमने हमको खुब दिया
जैसे करम किया था उषा, वैसा मैने फल पाया
चरणों से दुर ना करना, बस इतना हो उपकार
रखोगे...........