मेरे यार कन्हैया सुन तेरी याद सताती है
गजब भी याद करूं आंखों मेरी भर आती है
प्यार कन्हैया सुन तेरी याद सताती है
दुनिया की सभी कस्मे में तोड़, मैं आया
तेरे लिए यह सारी दुनिया,छोड़ के मैं आया
दुनिया बड़ी जालिम है यह बड़ा सताती है
जब जब भी याद करूं आंखों मेरी भर आती है
मेरे यार कन्हैया सुन तेरी याद सताती है
दुनिया का सताया हूं अपनों का रुलाया हूं
तेरी देख ली दुनिया अब,तेरी शरण में आया हूं
तूने यारी निभाई है दुनिया यह बताती है
जब जब भी याद करूं आंखों मेरी भर आती है
मेरे यार कन्हैया सुन तेरी याद सताती है
काहे अमित बाबा ये यारी निभा लेना
सेवा में अपनी तुम मेरे श्याम लगा लेना
हारो से दुनिया कब यहां यार निभाती है
जब जब भी याद करूं आंखों मेरी भर आती है
मेरे यार कन्हैया सुन तेरी याद सताती है
लेखक : अमित शर्मा
9758915635