मैं क्या बताऊँ कितनी कमी हैं तेरे बगैर,
दुनिया उदास लगने लगी हैं तेरे बगैर,
‘आजा’ ‘आजा’ ‘आजा’ ‘आजा’
आजा के आज जशन महोबत की शाम हैं,
महफ़िल तमाम सुनी पड़ी हैं तेरे बगैर,
मैं क्या बताऊँ..............
दामन भीगों दिया हैं तेरे इंतजार में,
आँखों में आंसुओ की लड़ी हैं तेरे बगैर,
मैं क्या बताऊँ.................
दिल का अकेलापन कही पागल बना ना दे,
तन्हाई अब तो रोने लगी हैं तेरे बगैर,
प्यारे मैं क्या बताऊँ....................
जो बात दिल से निकलती हैं, वो असर करती हैं,
जो बात जुबान नही करती, वो नजर करती हैं,
( लाडला पवन वर्मा )