दर्शन देना प्राण प्यारे | नंदलाला मेरे नैनो के प्यारे || दीनानाथ दयाल सकल गुण, नवकिशोर सुन्दर मुख वारे | मनमोहन मन रुक्तल रोक्यो, दर्शन की चित चाह हमारे | रसिक खुशाल मिलन की आशा, निसदिन सुमरण ध्यान लगा रे |