मैं भी तेरे संग चलूंगी वृन्दावन की गालिया,
ज़रा ठहर जा सावरिया ठहर जा सावरिया,
अब उड़ा दो गुलाबी चुनरिया,
माथे बिंदिया लगादो सावरिया,
अरे सखिया के संग रास रचाये बलदाऊ के भैया,
जरा.......
ऐसी पायल पहनादे मेरे पाओ में,
चौंक जाये सहेली सारे गाओं में,
अरे मैं अलबेली चाल चलूंगी देखे सारी दुनिया,
जरा......
अब हम बैठेंगे जमुना किनारे,
भेद खोलेंगे दिल के सारे,
सब के दिल का भेद है जाने देखे कृष्ण कन्हिया,
ज़रा.....