कान्हा आजा ब्रज में रंग बरसे,
हम खेलेगे होली दोनों जणे……..
कान्हा नन्द गाँव तो दूर घणा,
बरसाने मिलेगे दोनों जणे,
कान्हा आजा ब्रज में रंग बरसे…….
कान्हा बदले ल्युंगी गिण गिणके,
तूने नैन रुलाये बहोत घणे,
कान्हा आजा ब्रज में रंग बरसे…….
कान्हा सारी सखियाँ बाट मैं,
हम प्रेमी हमजोली दोनों जणे,
कान्हा आजा ब्रज में रंग बरसे…….
कान्हा फागुन महीना रंग भरा,
मन का कमल खिलावे दोनों जणे,
कान्हा आजा ब्रज में रंग बरसे…….