सतगुरा जी दा दितया नाम मैं हर वेले जप दी आ,
मैं हर वेले जप दी आ मैं हर वेले जप दी आ,
नाम दे मोती उस नु मिलदे जेहरा करमा वाला,
यह ओ चाभी जिसने खुल्दा बंद किस्मत दा ताला,
पहला मैं रोंदी सी हूँ मैं हसदी आ,
सतगुरा जी दा दितया नाम.......
आओ लेलो नाम गुरु दा लग जाओ गुरु चरनी,
नाश होना एहना पंज तत्वा दा ला लंगनी बेकरनी,
मैं पाया छुटकारा सब नु दसनि आ,
सतगुरा जी दा दितया नाम.......
मैं भी लेना नाम गुरा दा हाथ जोड़के बिट्टू कहंदा,
भक्ति दान तू मैनु देवी कर कर अरजा कहंदा,
मैं व् उसनु दसनिया वडाईया गुरु जी दिया,
सतगुरा जी दा दितया नाम.......