तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं

निसदिन सुमिरन ही करूँ, राम राम श्री राम,

तेरे दर को छोड़ के, किस दर जाऊं मैं,

देख लिया जग सारा मैंने, तेरे जैसा मीत नहीं।
तेरे जैसा सबल सहारा, तेरी जैसी प्रीत नहीं।
किन शब्दों में आपकी महिमा गाऊं मैं॥

अपने पथ पर आप चलूँ मैं, मुझ में इतना ग्यान नहीं।
हूँ मति मंद नयन का अंधा, भला बुरा पहचान नहीं।
हाथ पकड़ कर ले जाओ, ठोकर खाऊं मैं॥

श्रेणी
download bhajan lyrics (2230 downloads)