हाल दिल का तुझसे केह दिया तेरा काम जाने,
मेरी बिगड़ी बनेगी कैसे तू ही राम जाने
रंग दुनिया के मैं न समज पाता हु
हस के माया में तेरी उलज जाता हु
कैसे रखता है तू सब पे लगाम जाने
मेरी बिगड़ी बनेगी कैसे तू ही राम जाने
तुझको मंजूर जो जग में होता वही
राज गेहरा हो कितना वो छुपता नही
सिवा तेरे न किसी का कोई अंजाम जाने
मेरी बिगड़ी बनेगी कैसे तू ही राम जाने
छोड़ा जग तो प्रबु तेरा दर मिल गया
इस दास को चरणों में घर मिल गया
कैसे रखे गा तू भगतो का समान जाने
मेरी बिगड़ी बनेगी कैसे तू ही राम जाने