हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए खाटू वाले के,
खाटू वाले के नीले वाले के,
हम शीश झुका कर कहते है हम हो गए खाटू वाले के,
मेरा परिवार चलाये ये,
हर ख़र्चा मेरा उठाये ये,
हम पीट ढंढोरा कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहते है....
मुझे कहने में संकोश नहीं,
मेरा दाता कोई और नहीं,
हम सब से कहते फिरते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहते है....
पागल कह दो मंजूर मुझे,
चाहे कह दो मगरूर मुझे,
हम पगल बन कर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहते है....
अब भले बुरे का होश नहीं,
कहता है पवन अफसोस नहीं,
अब छोड़ के दुनिया दारी को,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहते है....