वृन्दावन की कुंज गली में डाका पड़ने वाला है ,
थाम के रखियो गगरी सिर पे माखन लूटने वाला है,
न दूंगी मैं माखन उसको क्या कर लेगा छलिया,
मैं जाऊ गी मटक मटक कर सिर पे धरे मटकियां,
हम देखे गए ब्रिज में हम को कौन लूटने वाला है,
थाम के रखियो गगरी सिर पे माखन लूटने वाला है,
सबसे चोरी सीना जोरी करता है बनवारी,
बड़ा ढीठ है बाल गोविंदा बांका बानके बिहारी,
देखो कंकर उठा न पाए मटकी फोड़ने वाला है,
थाम के रखियो गगरी सिर पे माखन लूटने वाला है,
खा के राहुगा माखन तेरा साँचा वचन सुनाऊ,
राजी से देदो वरना मैं ग्वाल बाल संग आउ,
जल्दी से माखन दे वरना झगड़ा बढ़ने वाला है,
थाम के रखियो गगरी सिर पे माखन लूटने वाला है,
चली गोपियाँ लेके माखन मुरली मधुर बजाई,
मनमोहन की मुरली ने सब की सूद भूद विसराई,
लुटा माखन फोड़ी मटकी अब क्या होने वाला है,
थाम के रखियो गगरी सिर पे माखन लूटने वाला है,