या तो हस के नैन मिलाया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो
फागन में कान्हा तुम आया न करो
लठ लग जा का इतराया न करो
राधे तू भी जाने इस दिल में जोर न
सारे बरसाने में तेरे जैसी और न,
होरी के वहाने बुलवाया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो
तेरी है फिकर कान्हा होरी लठ मार है,
नही पूरी बात ये रंगों का त्यौहार है
ये है मेहंगा शोंक फरमाया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो
भर पिचकारी मारी बच नही पाएगी
गाल का गुलाल लाऊ बोल काहा जायेगी
रंगों से राधा गबराया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो
चलने न दूंगी कान्हा आज तेरा जोर मैं
रंगों से कमल करदू सारा बोर मैं
मोहे देख रसिया तुम गाया न करो
लठ लग जाएगा इतराया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो