तर्ज: बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन...
-: शेर :-
अनोखी शान है तेरी, निराला है चलन तेरा,
ना कोई ज़ात है तेरी, ना कोई है वरण तेरा,
मकां है ला-मकां तेरा, वतन है बे-वतन तेरा,
वो तेरा है तू उसका है, जो करता है भजन तेरा,
वो तेरा है तू उसका है, जो करता है भजन तेरा,
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प्रेम की डोर में बंधकर, प्रभु श्री राम हैं आये,
वो झूठे बेर भीलनी के, प्रभु ने प्रेम से खाये ।।
रोज़ झाड़ू लगाती थी, राह कलियां बिछाती थी,
प्रभु जी आएंगे मेरे, वो फूली ना समाती थी,
भगत की भावना के वश में, ये भगवान् बिक जायें ।।
प्रेम की डोर में बंधकर, प्रभु श्री राम हैं आये......
भगत की हाँकने गाड़ी, स्वयं भगवान् चल दिये,
वो भरने भात नरसी का, बढाने मान चल दिये,
प्रभु को भाव भाते हैं, चतुरता नेक ना भाये ।।
प्रेम की डोर में बंधकर, प्रभु श्री राम हैं आये......
प्रेम की डोर में बंधकर, प्रभु श्री राम हैं आये,
वो झूठे बेर भीलनी के, प्रभु ने प्रेम से खाये ।।
~~~ समाप्त~~~
संकलनकर्ता :- राज कुमार टाँक, बुखारा बिजनौर ।