जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए,
हमें माँ इक तेरी झलक चाहिए,
दया और ममता का मंदिर है तू,
तुझे क्या पाता कितनी सूंदर है तू,
गुलाबो के जैसा मन है तेरा,
हमे माँ तेरे जैसा मन चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए
तेरा रूप सबसे सुहाना लगे बिना भक्ति के ज़ी कही न लगे,
माँ भक्ति में तेरे हम दुबे रहे,
हमे माँ तुझसे ऐसा वर चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए,
कई देताये तुमने पशाडे है माँ,
तेरे शेर रण में दहाड़े है माँ,
तू काली नव दुर्गा तू जवाला है,
हमे माँ तेरी ही शरण चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए,
तू पर्वत तू नदियां तू धरती है माँ,
तू पाताल अम्बर सितारों में माँ,
तेरी इन बुजाओ में सृष्टि है माँ,
हमे इन भुजाओ का बल चाहिए
जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए,