अजब किया शिंगार भवानी अजब लिया अवतार,
काली कंकाली कलकते वाली माँ
मुंड माल गले डाल भवानी हाथ लिए है भुजाली,
हाहाकार मची असुरो में आ गई मईया काली,
हुआ न ऐसा और न होगा
दुनिया में अवतार,
काली कंकाली कलकते वाली माँ
रकत बीज के रकत से माता अपनी प्यासी बुजाती,
शुंभ निशुंब कटब जैसे दानव मार गिराती
मुंड काट असुरो का मईया पीये रकत की धार,
काली कंकाली कलकते वाली माँ
काल भी गबराया है तुम से जय माता काली,
रन भूमि में कोई नही माँ तुम सा शक्तिशाली,
नमन हो तुम को मात भवानी जय हो बारम बार,
काली कंकाली कलकते वाली माँ