मोहे लागी लगन गुरु चरणन की | चरण बिना मुझे कुछ नहीं भाये, जग माया सब स्वपनन की | भव सागर सब सूख गया है, फिकर नाही मोहे तरनन की | आत्म ज्ञान दियो मेरे सतगुरु, पीड़ा मिटी भव मरनन की | मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, आस बंधी गुरु चरणन की |