परम पिता परमात्मा की हम अमर संतान,
शांति दूत बन कर करते है हम नव युग का निर्माण,
आऒ जन जन के मन में हम ज्ञान के दीप जलाये,
बुरे यत्न के अंधकार को इस जीवन से मिटाये,
मन के जीते जीत जगत में मन के हारे हार.
राग योग से मिलती है अंतर को शक्ति अपार,
प्रेम एकता पवित्र करे विश्व कल्याल.
शांति दूत बन कर करते है हम नव युग का निर्माण,
विशव शांति के लिए करे हम अपना तन मन अर्पण,
आत्म समपर्पण से सम्पूर्ण बनाये सबका जीवन,
नव चोख की नवीन चेतना नया सवेरा लाये,
प्रेम और भाईचारे की गीत सदा हम गए,
इक पिता के बचे है सारे हम है सभी समान,
शांति दूत बन कर करते है हम नव युग का निर्माण,