तू सब जानता है,तुझे क्या बताये,
मैं जग से छुपा है मेरा हाल दिल ये,
मगर तुमसे बाबा छिपे न छिपाये,
तू सब जानता है....
प्रीत अपनी प्रभु है पुराणी बड़ी,
याद तुमको किया मैंने तो हर गद्दी,
तेरे रहते बाबा किसे मैं पुकारू,
तू ही मेरा अपना सगळे पराये,
तू सब जानता है.....
खेलते सब रहे मेरे जज़्बात से,
तुमतो बाक़िफ़ हो श्याम मेरे हालत से,
मेरे आंसुओं में दर्द जो छुपा है,
तू ही उस को समजे तू ही तो मिटाये,
तू सब जानता है.....
इतना तो सांवरे मुझको विशवाश है,
कोई हो या न हो तू मेरे साथ है,
मेरी गलतियों से अनजान हु मैं,
सोनू की उल्जन तू ही सुलझाए,
तू सब जानता है.....