श्याम पिया नहीं लागे जिया,
तेरी रह रह याद सताए,
श्याम पिया नहीं लागे जिया,
तेरे दर्श को तरसती है अँखियाँ,
कर कर के यादे बरसती है अँखियाँ,
कहा छुपा है वो नन्द नादरको,
उसका पता बताये,
श्याम पिया नहीं लागे जिया,
जग का सताया हु विपदा का मारा,
तेरे सिवा नहीं दूजा सहारा,
तेरे मिलान की आस लगाई,
तू कैसे लपनाये,
श्याम पिया नहीं लागे जिया,
ढूंढ ढूंढ कर हार थका हु ,
सारा जीवन वार चूका हु,
कैसे बताऊ ये दिल की बाते,
सारे जग तड़पाये,
श्याम पिया नहीं लागे जिया,