हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ ,
आरती गाऊँ प्यारे आपको मनाऊँ,
आपको मनाऊँ प्यारे आपको रिझाऊँ,
हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ ,
मस्तक पे है मुकूट बिराजे ,
हृदय में श्री राम बिराजे,
उन चरणों के में दरसन पाऊँ,
हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ,
सीता सुधी प्रभु राम को सुनाए,
लक्ष्मण के तुम प्राण बचाए,
हरस हरस नित तब गुण गाऊँ,
हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ,
साधु संत के प्राण आप हो ,
मेरे जीवन नाथ आप हो,
दरसन से सुख शांति में पाऊँ,
हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ,
जो कोई तुम्हरी आरती गाये,
बस बैकुण्ठ परम पद पाये,
जग हितार्थ शुभ यज्ञ कराऊँ,
हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ,
आरती गाऊँ प्यारे आपको मनाऊँ,
आपको मनाऊँ प्यारे आपको रिझाऊँ,
हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ,
(लेखक)
परम पूज्य सन्त श्री राजकिशोर जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य श्री संदीप कृष्ण शास्त्री जी महाराज ॥
(श्रीधाम वृन्दावन)
मो, 7222941411 - 7470403050