भक्ति के रंगे रंग में हनुमान नज़र आए,
जब फाड़ दिया सीना श्रीराम नज़र आए॥
हनुमान ने बचपन में एक खेल दिखाया था,
फल लाल समझ सूरज मुख गाल दबाया था,
जब विनती करें शुर नर हैरान नज़र आए,
भक्ति के रंगे रंग में हनुमान नज़र आए,
जब फाड़ दिया सीना श्रीराम नज़र आए॥
सिंदूर से सीता की जब माँग भरी देखी,
महिमा उस सिंदूर की जब बात सुनी सब की,
सिंदूर लगा तन मे आलीशान में नज़र आऐ,
भक्ति के रंगे रंग में हनुमान नज़र आए,
जब फाड़ दिया सीना श्रीराम नज़र आए॥
ईक बार बने बंदर शिव शंकर के संग में,
दशरथ के द्वारे पर नाचे अपने रंग में,
श्री राम प्रभु उन पर बलिहार नज़र आए,
भक्ति के रंगे रंग में हनुमान नज़र आए,
जब फाड़ दिया सीना श्रीराम नज़र आए॥
जब लखन को शक्ति लगी हनुमान दवा लाए,
बूटी ना पा करके पर्वत ही उठा लाए हैं,
प्राणों को बचाकर के ख़ुशहाल नज़र आए,
भक्ति के रंगे रंग मे हनुमान है नज़र आए,
जब फाड़ दिया सीना श्रीराम नज़र आए॥