मेरे बाबा तू मुझको लगा ले गले,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले,
जिंदगी का भरोसा है पल का नहीं,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले,
एक तू एक मैं एक चाहत तेरी,
इसके आगे है कोई नजारा नहीं,
तेरी भक्ति में बंध कर चला आया हूँ,
कौन जाने कदम फिर चले ना चले
मेरे बाबा तू मुझको लगा ले गले,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले
जब तलक चलती धड़कन ये संसार है,
साँस थमते नजारा ये बेकार है,
इस जुबा से जपू मैं नाम हर घड़ी,
कौन जाने ये लाल फिर हिले ना हिले,
मेरे बाबा तू मुझको लगा ले गले,
कौन जाने ये मौका मिले ना मिले
आखिरी तुमसे नरसी की विनती यही,
अपनी बाँहों में हमको उठा लीजिये,
अपनी करुणा से गुलशन खिला दो मेरा,
कौन जाने दुबारा खिले ना खिले