जिसने तुझे भुलाया उसने है सब गवाया,
आई है जब मुशीबत कोई न काम आया,
जिसने तुझे बुलाया ...
दुनिया बनाने वाले मेरा वजूद क्या है,
कर जे की चाँद सांसे उसपे भी हक तेरा है,
तूने धरकने जो छीनी सब ने किया पराया,
जिसने तुझे भुलाया ...
आकर जहा में तेरे तेरे प्यार को न चाहना,
एहसान तेरे भुला अपना न तुझको माना,
झूठा किया दिखावा गैरो से दिल लगाया,
जिसने तुझे भुलाया ....
गैरो के घर गये जब तोफे थे साथ मेरे,
आया जो घर तुम्हारे खाली है हाथ मेरे,
छोटी भेंट सांवरे तेरे लिए ना लाया,
जिसने तुझे भुलाया .......
ये तन सराये तेरी मेरा चार दिन का डेरा,
ये अंग अंग तेरे मुझ पे प्रभु क्या मेरा,
रोमी की नीचता है ना दे सका किराया,
जिसने तुझे भुलाया