भोले के साथ पिले,
मचले यो दिल दीवाना,
दावा है छोड़ देगा मेह्खाने में तू जाना
पीना क्या वो जिसमे इतना नशा ही छाए,
पीते है रात को तो सुबह उतर ही जाये,
उतरे गा ये नशा न जितना भी हो पुराना,
भोले के साथ पिले.......
विष पीने वाले को तो चढ़ता कोई नशा न,
तकदीर ये बदल ता पीने का कर बहाना,
इसको तो गम है पीना अमृत हमें पिलाना,
भोले के साथ पिले.....
गम को भुलाने खातिर पीते है लोग अक्सर,
मिट जाते उनके गम है पीते है यो जहा पर,
जो गम ही न रहे तो फिर किसको है भुलाना.
भोले के साथ पिले.......
भोले के प्यार में तो आशिक़ है ये ज़माना,
आँखों से पी के जिसके सोनू हुआ दीवाना,
अब तो इसी के दर पे जीवन है ये बिताना,
भोले के साथ पिले