मान जा तू गोरा ज़रा भांग दे घोट मूड बडो ओफ्फ मेरो,
आज मत कर तू कोई रोक टोक मूड बडो ओफ्फ मेरो,
के जाने वन्वारे क्यों पियो भांग रे,
मेरी भांग पीनी लगे से तने रांग रे,
कितनी फिकर मुझे भगता की सोच,
मूड बडो मेरो ऑफ...
इतना भी भाव मत्त खावे तू गोरा,
और क्या करवाऊ कमियों से बस थोडा,
मेरो इक काम करने में पड़ जू,
मूड बडो मेरो ऑफ....
गणपति में ताहिर पूरी कर दे डिमांड,
मेरे वास्ते तू जरा घोट दे भांग,
भांग से खुले मेरे माइंड ब्लॉक,
मूड बडो मेरो ऑफ.....
सावन का महीनो आया झूमे कावाडीया,
शर्मा बतावे भांग पीवे कवाडिया,
बिन भांग मने लाइफ लागे से भोर,
मूड बडो मेरो ऑफ....