कावड़ियों ने हरिद्वार में धूम मचाई रे,
मेरे फ़ोन पे शिव शंकर की काल आई रे,
सावन का महीना आया है मेला भगतो का छाया है,
तू भी जल्दी आजा क्यों देर लगाई रे,
मेरे फ़ोन पे शिव शंकर की काल आई रे,
सजधज का कावडिया धोल रहे बम बम भोले बोल रहे,
जिसको देखो उसने कावड़ उठाई रे,
मेरे फ़ोन पे शिव शंकर की काल आई रे,
सब पाप तेरे कट जायेगे गम के बादल छट जायेगे,
हरिद्वार में भोले ने किरपा बरसाई रे,
मेरे फ़ोन पे शिव शंकर की काल आई रे,
जो कुछ है मन में बतला ले,
भोले से सब हल करवाले,
शर्मा बोल कौन सी तुज्को चिंता खाई रे,
मेरे फ़ोन पे शिव शंकर की काल आई रे,