कट चुके चौरासी सब दी जून सफल हो जानी,
चलो अमर नाथ चलिये सुनिए शिव तो अमर कहानी,
शिव शंकर ने माँ गोरा न जद ये कथा सुनाई,
बैठे सी दो पंक्षी ओथे मुक्ति जिह्ना ने पाई
मैं सुनिया है आज भी उड़ दे फिरदे ओह पुरानी,
चलो अमर नाथ चलिये सुनिए शिव तो अमर कहानी,
अमर कहानी सुनन लई शिव चरनी ध्यान लगाया,
रह ना जाये बात अधूरी भूल के अख न लायो,
एथे ला के सूट देयो चादर जो सुपनेया दी थानी,
चलो अमर नाथ चलिये सुनिए शिव तो अमर कहानी,
जे भोले दी किरपा होगी खुल जो दसम द्वारा,
तेरा फिर जलबेहड़ा वालेया होजु पार उतारा,
रोम रोम रज जाऊ सफी जब शिव शंकर दी वाणी,
चलो अमर नाथ चलिये सुनिए शिव तो अमर कहानी,