ओ कन्हैया मुरलियाँ तुम्हारी नींद लेके गई है ये हमारी,
उसे भी दीवाना करती प्यारी प्यारी निगाहे तुम्हारी,
ओ कन्हैया मुरलियाँ तुम्हारी .....
झूमे झूमे श्रिष्टि ये सारी पर न तुम्हारी ख़बरियाँ,
क्या जादू था जोगन बन के मीरा हुई थी ववरियाँ,
वन वन में फिरि थी वो वेचारी,
ऐसी हालत करो गे क्या हमारी,
ओ कन्हैया मुरलियाँ तुम्हारी नींद लेके गई है ये हमारी,
राधे राधे तुम ही कहो ये सच है न बात हमारी,
छोड़ गए थे मथुरा को जब हालत क्या थी तुम्हारी,
बड़ा निर्मोही कान्हा गिरदारी,
ये तो छलियाँ है छैल बिहारी,
ओ कन्हैया मुरलियाँ तुम्हारी नींद लेके गई है ये हमारी,
दर्श दिखाओ आ जाओ हे कृष्णा धन धन वासी,
मानो लेहरी ठहर गई ये अँखियाँ दर्शन प्यासी,
तेरी सूरत पे जाओ बलहारी,
बांकी बांकी शवि है तुम्हारी,
ओ कन्हैया मुरलियाँ तुम्हारी नींद लेके गई है ये हमारी,