मेरा भोला मस्त मलंग मेरा भोला मस्त मलंग,
अक्क धतूरा खावे पीवे घोट घोट के भांग,
मेरा भोला मस्त मलंग......
तन मन दी खुद होश नहीं है ऐसी चढ़ी खुमारी,
धूमक धूमक डमरू दी धुन ते थिरक रहे त्रिपुरारी,
धूम मची कैलाश के चारो तरफ बरसता रंग,
मेरा भोला मस्त मलंग ....
नंदी गण भी जोश च आके झूम के नाच्न गावं,
भूत प्रेत शनि ते शुक्र रज रज ख़ुशी मनावन,
रूप अजब है शिव भोले दा गज़ब है रब का डंक,
मेरा भोला मस्त मलंग ...
बम भोले बम भोले के गूंज रहे जयकारे,
स्वगा तो सोहने लगदे ने यह रंगीन नजारे,
ख़ुशी अनोखी खुश दे दिल विच दास दी यह उमंग,
मेरा भोला मस्त मलंग ...