पहन लीयो लंहगा चुनरीया

पहन लीयो लंहगा चुनरीया

पहन, लीयो, लंहगा चुनरीया,
भोले बाबा, बन गए, गुज़रिया ॥

माथे पे, बिंदिया और, कानों में बाली ।
नाक में, नथनिया और, होंठो पे लाली ॥
अरे, करधनिया, सोहे कमरिया,
भोले बाबा, बन गए, गुज़रिया ।
पहन, लीयो, लंहगा चुनरीया...

शंकर जी, भोले से, बन गए भोली ।
भोला को, देख देख, पार्वती बोली ॥
अरी, घुँघटा की, रखियो खबरीया,
भोले बाबा, बन गए, गुज़रिया ।
पहन, लीयो, लंहगा चुनरीया...

चले रास, देखन को, बन के जनानी ।
जहाँ रास, मोहन संग, करे राधा रानी ॥
भोले, आए, झुका के, नज़रिया,
भोले बाबा, बन गए, गुज़रिया ।
पहन, लीयो, लंहगा चुनरीया...

देख देख, भोले को, सोचे कन्हाई ।
आज नई, सखी कौन, घुँघटा में आई ॥
अरे, पकड़ी, मोहन ने कलईया,
भोले बाबा, बन गए, गुज़रिया ।
पहन, लीयो, लंहगा चुनरीया...

खुल गई, पोल जब, घुँघटा उठायो ।
गोपेश्वर, नाम जब, भोले ने पायो ॥
भोले, जा रहे, झुका के नज़रिया,
भोले बाबा, बन गए गुज़रिया ।
पहन, लीयो, लंहगा चुनरीया...

अपलोडर- अनिलरामूर्तीभोपाल

श्रेणी