माँ तू मेरा कहण पुगादे री
माँ तू मेरा कहण पुगादे री
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री ...-2
नीलकंठ पे जाके नै मैं जल चढ़ाऊंगा,
भोल के दर्शन करके मैं खुश हो जाऊंगा,
म्हारा दोनुआ का मेल तू करादे री -2
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री......
भोले के दर पे जाके मैं शीश झुकाऊंगा,
देशी घी के चूरमे का मैं भोग लगाऊंगा,
भोला बिगड़ी बात नै बणा दे री -2
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री.....
कहण तै पहले भोला मेरे काम बणावेगा,
माँ जाके नै हर साल मन्नू कावड़ लयावेगा,
इब चूरमे का थाल सजादे री -2
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री.....