गले नाग लिपट रहे काले,
मैं जीयु कैसे डर डर के ओ मेरे भोले,
ये नाग किसी से नही लड़ ते,
तू मान ले यकीन कर के मेरी गोरी
तू भांग रात दिन पिए,
मैं घोट घोट हार गई ओ मेरे भोले,
मैं आप ही भांग घोट लू,
तू बोल मत हार गई मेरी गोरी,
तूने डम डमरू भ्जाया,
तो ठंडी ये हवा आ गई मेरे भोले,
तेरी छम छम पायल बाजी,
तो काली ये घटा चाह गई मेरी गोरी,
हो आई कैसी ये बिमारी ये दुखी नर नार हो गए मेरे भोले,
हुई जैसी जग की प्रजा ये
ऐसे ही करतार हो गए मेरी गोरी,
क्या गलती है इनकी बता दे
बोलो तो कुछ केलाशी मेरे भोले
ये खुद को ही खुदा समजते ,
बदल गए सन्यासी मेरी गोरी,