दुख मिट जाये जीवन का,
सुख साथ रहता है,
जो रोज सवेरे उठ के जय श्री श्याम कहता है,
बिन बोले ये सुन लेता दुखड़े सब के हर लेता,
जो इसके दर पे आये उसको तो हर देता,
हर श्याम प्रेमी के बाबा हर पल साथ रहता है,
जो रोज सवेरे उठ के जय श्री श्याम कहता है,
इक बार जो खाटू आता वो श्याम किरपा है पाता,
किरपा कर देता इतनी बन जाता श्याम से नाता,
हारे का बनता साथी खुशियां हज़ार देता है,
जो रोज सवेरे उठ के जय श्री श्याम कहता है,
हर जन्म तुझे ही पाउ श्री श्याम भजन नित गऊ,
तू किरपा इतनी क्र दे मैं खाटू में वस् जाऊ,
अपने भगतो के दुःख को दीना नाथ सेह्ता है,
जो रोज सवेरे उठ के जय श्री श्याम कहता है,
चाहे झूठे संगी सारे हो जाए अपने न्यारे,
चिंता की फ़िक्र नहीं है जग तुम हारे के सहारे,
तुझसे न है दातारि ये अविनाश कहता है,
जो रोज सवेरे उठ के जय श्री श्याम कहता है,