सुनो प्राथना सुनो प्राथना परमात्मा परमात्मा,
हर पाप की अपराध की छमा याचना छमा याचना,
सुनो प्राथना सुनो प्राथना परमात्मा परमात्मा,
मन में अँधेरा न हो कभी,
ऐसी जोत की करू स्थापना,
सुनो प्राथना सुनो प्राथना परमात्मा परमात्मा,
ऐसा तन मिले ऐसा मन मिले,
बिन वासना बिन वासना,
सुनो प्राथना सुनो प्राथना परमात्मा परमात्मा,
करुणा से ह्रदये भरा रहे कभी क्रोध मन में भी आये न,
सुनो प्राथना सुनो प्राथना परमात्मा परमात्मा,
मेरा रोम रोम अर्पित तुम्हे,
करू हिरदे से तेरी साधना,
सुनो प्राथना सुनो प्राथना परमात्मा परमात्मा,