चूड़िया ले लो बृजबाला, मैं चूड़ियाँ बेचने वाला...
ये फैजाबाद की चूड़ी सस्ती नगीने वाली,
लगती है है प्यारी- प्यारी, लगती है न्यारी- न्यारी,
जिसे पहने हर बाला, मैं चूड़ियाँ बेचने वाला…….
मेरी चूड़ी रंग बिरंगी, देखन में बड़ी रंगीली
आओ सखियों, आओ बहनो, छोटी और बड़ी लाया
मैं चूड़ियाँ………..
रेशमी चूड़ी, हरी, लाल, पीली,
श्याम नाम वाली चमकीली चूड़ी,
जिसे पहने कर्मों वाला, मैं चूड़ियाँ……
झोली भरी, सिर पर धरी,
चटक – मटक चूड़ी भरी,
गाँव शहर मनियारा आया, मैं चूड़ियाँ………..
तुम भी पहनो, हम भी पहने,
जुग – जुग जीये पहनने वाले,
गरीबो की रोजी वाला, मैं चूड़ियाँ………..