नाच रहा नाच रहा नाच रहा जी,
मेरे शंकर जी त्रिपुरारी जी श्री शमभू जी,
बम भोला मस्त मलंग मस्ती में नाच रहा,
त्रिपुरारी मस्ती में मलंग नाच रहा जी,
बाज रहा शंख डमरू बाज रहा जी,
मेरे भोले का डमक डमरू के डम डम बाज रहा,
मेरा भोला मस्त मलंग मस्ती में नाच रहा,
चम्केश्वर महादेव जब पिए भांग का प्याला,
नाग गले में जोश में आकर फूंक फूंक फुंकारा,
नन्दी गण पति मग्न हो कर संख को बजाए,
भुत प्रेत पीताश सत संग धूमका खूब लगाए,
संग मस्ती में बहने लगी जटा में गंगा धारा,
चंद चन चन का चन्द्रमा लागे प्यारा प्यारा,
नाच रहती हु लोक नाच राह जी,
मेरे भोले संग महादेव संग भोले बाबा संग तिहुँलोक नाच रहा,
मेरा भोला मस्त मलंग मस्ती में नाच रहा....
महादेव से बोली गोरी सुन मेरे भंडारी,
और न घोटी जाये मैं तो घोटत घोटत हारी,
रोज रोज का काज तुम्हारा और सहा न जाए,
इक दिन की होये तो धोटू रोज न धोती जाए
घिसते घिसते भांग तुम्हारी दुखने लगी कलहाइ,
अब तो मायके जाने की मेरी बारी आई,
हाथ जोड़ भोला गोरी को मना रहे जी,
मेरा भोला मस्त मलंग मस्ती में नाच रहा,
योगी कभी भोगी कभी बाल ब्रह्मचारी,
नाथो के नाथ महादेव त्रिपुरारी,
सच्चे भक्तो की हर विपदा हर महादेव ने टाला,
नीलकंठ भोले भंडारी पीते विष का प्याला,
जय शिव शंकर शालू वर्मा गावे,
संजय शर्मा जी का जीवन भी भोला सफल बनावे,
आसरा पूरा विश्वाश रहा जी,
भोले भरते है झोली सबकी हमे विशवाश रहा,
मेरा भोला मस्त मलंग मस्ती में नाच रहा,