भवन मंदिर शिवालय, तीनों ही बनवा दूँगी
जो मेरे शम्भू मेरे घर आए, चरण पकड़ बिठा लूंगी,
औ औ औ चरण गौरा शंकर के....
चंदा कुण्डल और माला, तीनों ही मंगवा दूंगी,
जो मेरे शम्भू मेरे घर आए डमरू खूब बजा दूंगी,
औ औ औ चरण गौरा शंकर के..….
भभूत बघांबर मृग छाला, तीनों ही मंगवा दूंगी,
जो मेरे भोले मेरे घर आए, मैं धूनी खूब रमा लूंगी,
औ औ औ चरण गौरा शंकर के...….
गोरा गणपति और नन्दी, तीनों ही बुला लूंगी,
जो मेरे शंकर मेरे घर आए बैल सवारी करा दूंगी,
औ औ औ चरण गौरा शंकर के....…
भांग आक और धतूरा, तीनों ही मंगवा दूंगी,
जो मेरे नाथ मेरे घर आए मैं बैठ भोग लगा दूंगी,
औ औ औ चरण गौरा शंकर के....…