हे शिव शंकर भोले भाले तुमको लाखो परनाम,
सांस की आवन ध्यावं मेरी रट ती है बस तेरा नाम,
मैं अवगुण हु तू गन सागर आया हु मैं तेरे धाम,
हे शिव शंकर भोले भाले तुम को लाखो परनाम,
तू निर्बल का बल है भोले,
तू ही निर्धन का धन है
तू ग्यानी के ज्ञान का दर्पण तेरा तुझे सब अर्पण है,
ऋषि मुनि करते गुणगान,
जपते है बस तेरा नाम,
हे शिव शंकर भोले भाले तुम को लाखो परनाम,
बागी रथ ने तुझको जप कर धरा का यु उपकार किया,
पतित पावन गंगा ला कर जन जन का कल्याण किया,
ध्रव बालक ने तुझे पुकारा दिया तारो में मुकाम,
हे शिव शंकर भोले भाले तुम को लाखो परनाम,
तुलसी दास ने सुमिर के तुमको ग्रंथ दिया रामायण हमको,
जब जब पाप ने प्रलये की ठानी रुदर की प्राकतु तूने ठानी,
संकट मोचन हे विष दारी तेरी लीला है तेरे समान,
हे शिव शंकर भोले भाले तुम को लाखो परनाम,
आदि देव तेरे चरणों में अलोकिक भेहवव का दर्शन,
तू ही मृत्यु तू ही जीवन तू ओमकार सदा समपूरण,
शिव अंत शिव कथा आनत करे कैसे सुदागर ब्यान,
हे शिव शंकर भोले भाले...