खाले बाजरे की रोटी भोलेनाथ के भांग पीनी भूल जावेगा.....
बाजरे की रोटी भोले बड़ी रे कमाल की,
देसी घी डाल मैंने दाल तैयार की,
लस्सी भी लाई भोले साथ के भांग पीनी भूल जावेगा,
खाले बाजरे की रोटी......
बाजरे का आटा राजस्थान से लाई,
मीठा-मीठा गु़ड बाबा यूपी से ले आई,
तू मजे से खाले भोलेनाथ के भांग पीनी भूल जावेगा,
खाले बाजरे की रोटी.....
बाजरे की रोटी खा कर पेट भर जावे,
भांग धतूरा तुझे फिर नहीं भावे,
खाता रहेगा दिन रात के भांग पीनी भूल जावेगा,
खाले बाजरे की रोटी.....
बाजरे की रोटी खाकर ठंड नहीं लागे,
लस्सी पी के बाबा मस्ती में जागे,
तू डमरु बजावे दिन रात के भांग पीनी भूल जावेगा,
खाले बाजरे की रोटी.....
तू भी खाले भोले गौरा को भी खिला ले,
कार्तिक को खिला ले और गणपत को खिला ले,
भगत करें फरियाद के भांग पीनी भूल जावेगा,
खाले बाजरे की रोटी.....