हुन कध मिलिए, प्रय तुध भगवंता,
एक घड़ी ना मिलतै ता कलजुग होता,
मेरा मन लोचे, गुरु दर्शन थाइ,
बिलप करे चात्रिक की निआई,
त्रिका ना उतरै सांत ना आवै,
बिन दर्शन संत पिआरे जिओ,
हो घोली जिओ, घोल घुमाई,
गुर दर्शन संत पिआरे जिओ,
हुन कध मिलिए.........
तेरा मुख सुहावा जिओ, सहज धुन बानी,
चिर होआ देखे, सारंगपानी,
धन सु देश जहा तू वसया,
मेरे सज्जन मित मुरारे जिओ,
हो घोली हौ घोल घुमाई,
गुर सज्जन, मीत मुरारी जिओ,
हुन कध मिलिए ......
एक घड़ी ना मिलतै ता कलयुग होता,
हुन कध मिलिए प्रिय तुध भगवंता,
मोहै रैन ना विहावै, नींद ना आवे,
बिन देखै गुर, दरबारे जिओ,
हो घोली जिओ घोल घुमाई,
दिस सच्चे गुर दरबारे जिओ,
हुन कध मिलिए.......
भाग होआ गुर संत मिलाया,
प्रभ अभिनासी घर मेही पाया,
सेव करी पल चसा ना बिछड़ा,
जन नानक दास तुम्हारे जीओ,
हो घोली जिओ घोल घुमाई,
जन नानक दास तुम्हारे जिओ,
हुन कध मिलिए .....
हुन कध मिलिए, प्रिय तुध भगवंता,
एक घड़ी ना मिलतै ता कलयुग होथा,
सौरभ सोनी
सरिया, गिरिडीह
झारखंड, 825320
8210062078