तेरे नाम की महिमा सब संत गाते है
साँचा धन जीवन का प्रेमी ही कमाते है,
ये कर्म हुआ हम पर जो तेरी शरण मिली
भगति का खजाना सच्ची दौलत है मिली
माझी बन कर गुरुवार हमे पार लगाते है,
यहाँ राज सिंघषण भी शाहो न छोड़ दियां,
जग की है आस तजि मन नाम से जोड़ लिया
नाम जप के हुए महान ये ग्रंथ बनाते है,
तेरे नाम की महिमा सब संत गाते है
भगयो से शुभ अवसर गुरु मुख ने पाया है,
गलफत में नहीं खोना गुरु ने फ़रमाया है,
उपवन की अंधी ये सब को महकाते है,
तेरे नाम की महिमा सब संत गाते है