जीवन का निष्कर्ष यही है प्रभु प्रेम में लग जाना ।
आ ही गये तो बैठो प्यारे रामकथा सुनकर जाना ॥
कथा प्रेम की पावन गंगा निर्मल बहती जाए
भक्ति भाव की शीतल लहरें अंत: तक लहराए
कुछ बातें है सुनने लायक कुछ बातें गुनकर जाना ॥
उत्तम बने विचार यही मतलब है रामकथा का
पर पीड़ा का मन में हो आभास व्यथा का
कुल परिवार ओड़ ले प्यारे वह चादर बुनकर जाना ॥
तुलसीदास भगीरथ बन के जप तप किए अभंगा
तब जाकर मानस से निकली परम पावनी गंगा
रामकथा सागर में प्यारे तिरते तिरते तर जाना ॥
द्वारा : योगेश तिवारी