चुन-चुन बनाई गुलाब गजरा,
लाई गेंदा चमेली अतर मोगरा,
गोर गोरे गालन में गुंदना गुनाऊ,
छोटे छोटे हाथां में मेहँदी रचाऊ,
अखियां में मइयां लगाओ कजरा,
लाई गेंदा चमेली .....
सोने के लौटे में गंगा जल लाउ,
चांदी की थाली में दीपक सजाउ,
दीपावली मनाये दशहरा,
लाई गेंदा चमेली .....
हाथो के कंगना में हीरा जराहु,
पैरो के पयाल में गुंगरू बंधदाहु,
कानन में मइयां बनाऊ फुले ला,
लाई गेंदा चमेली .....
अमभुआ की ढाली में झूला बँधाकर,
रेशम की डोरी से झूला झूला कर,
शिव रंजनी मैया गाये यश धरा,
लाई गेंदा चमेली .....